High Court एचसीएस के पैटर्न में संशोधन मामले में सरकार से जवाब तलब
चंडीगढ़ : हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा में मेरिट सूची तैयार करने के लिए परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलावों के खिलाफ दायर याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर दिए हैं। परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले विजय दहिया और चार अन्यों ने अपनी याचिका में कहा है कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में 166पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इसके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग ने हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा की प्री-लिमिनरी परीक्षा में एक नया टेस्ट जोड़ दिया है।
याचियों के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा की प्री-लिमिनरी परीक्षा में दो टेस्ट रखे गए है जिनमें पहले टेस्ट में जनरल स्टडीज और दूसरे में सिविल सर्विस एप्टिटयूड टेस्ट (सीएसएटी) रखा गया है। वहीं हरियाणा सिविल सेवा (एक्जीक्यूटिव ब्रांच) नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार, प्रारंभिक चरण की परीक्षा के दूसरे टेस्ट में प्राप्त अंकों को पहले टेस्ट के अंकों में जोड़ कर मुख्य परीक्षा के लिए मेरिट सूची बनाई जाएगी, जबकि केन्द्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवाओं के लिए ली जाने वाली परीक्षा में सिर्फ जनरल स्टडीज में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाई जाती है।
याचियों ने कहा है कि सीएसएटी परीक्षा के कारण सिविल सेवाओं की परीक्षा में आर्ट्स के छात्रों को नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि यह परीक्षा में साइंस और गणित की पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए आसान होती है। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने केन्द्रीय लोक सेवा आयोग के नक्शे कदम पर यह परीक्षा शुरू की है, परंतु केन्द्रीय लोक सेवा आयोग ने अब सीएसएटी परीक्षा के अंकों को मेरिट के लिए गणना में शामिल नहीं करने का निर्णय ले लिया है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एबी चौधरी और जस्टिस बीएस वालिया की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को 28 सितंबर के नोटिस जारी कर दिए हैं।
hosc conducts exams as per rules frame by legislature
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DeleteExcellent
ReplyDeletethanks
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