क्या टेलीफोन के द्वारा FIR दर्ज की जा सकती है (Section 154 (1)of Cr.P.C)
क्या टेलीफोन के द्वारा FIR दर्ज की जा सकती है (Section 154 (1)of Cr.P.C) |
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं है, हमारे इस लेख के माध्यम से आपकी इस समस्या का समाधान किया जा रहा है |
सीआरपीसी की धारा 154 में स्पष्ट लिखा है कि पुलिस द्वारा टेलीफोन पर दी गई सूचना पर FIR दर्ज नहीं की जा सकती, FIR दर्ज करने के लिए लिखित सूचना और हस्ताक्षर करना आवश्यक है |
सीआरपीसी की धारा 154 (1) (Section 154 (1)of Cr.P.C) बताती है कि संज्ञेय अपराध से संबंधित प्रत्येक मौखिक दी गई सूचना को लिखकर लेना होगा और अगर कोई सूचना देने वाला व्यक्ति लिखने में सक्षम नहीं है, तो सूचना किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भी लिखवाई जा सकती है, लेकिन थाने के भार साधक अधिकारी द्वारा उक्त सूचना को सूचना देने वाले व्यक्ति को पढ़कर सुनाई जायेगा , वह उक्त सूचना पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान करवाना जरूरी होगा |
वह इस सूचना को भार साधक अधिकारी द्वारा थाने में उपलब्ध रजिस्टर में दर्ज करना आवश्यक होगा |
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी मुंद्रिका महतो बनाम बिहार राज्य के मामले में कहा था टेलीफोन की बातचीत को FIR में कन्वर्ट नहीं किया जा सकता |
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